राजनीतिक पार्टी
1. राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता क्यों?
परिभाषा -- वैसा समूह जिसका निर्माण चुनाव लड़ने और सरकार बनाने के उद्देश्य से हुआ है, राजनीतिक पार्टी कहलाता है। एक राजनीतिक पार्टी में शामिल लोग कुछ नीतियों और कार्यक्रमों पर सहमत होते हैं। इन कार्यक्रमों और नीतियों का लक्ष्य होता है समाज की भलाई करना।
राजनीतिक पार्टी के अवयव
किसी भी राजनीतिक पार्टी के तीन अवयव होते हैं।
नेता
सक्रिय सदस्य
अनुयायी
राजनीतिक पार्टी के कार्य:
किसी भी पार्टी का मुख्य कार्य होता है राजनैतिक पदों को भरना और सत्ता का इस्तेमाल करना। ऐसा करने के लिये राजनीतिक पार्टियाँ इन कामों को करती हैं:
1. चुनाव लड़ना: हर राजनीतिक पार्टी चुनाव लड़ती है। इसके लिए राजनीतिक पार्टी विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में खड़ा करती हैं। भारत में उम्मीदवारों को मुख्य नेता चुनते हैं हालांकि अमेरिका जैसे देशों में यह काम पार्टी के सदस्यों और अनुयायियों के द्वारा होता है |
2. नीति बनाना: राजनितिक पार्टियाँ जनहित को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियाँ बनाती हैं। राजनीतिक पार्टी अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को जनता के सामने रखती हैं। इससे जनता को किसी विकल्प को चुनने में मदद मिलती है। एक राजनीतिक पार्टी एक जैसी मानसिकता वाले लाखों करोड़ों लोगों को एक ही छत के नीचे लाने का कम करती है।
3. कानून बनाना: कानून बनाने का काम विधायिका द्वारा किया जाता है। विधायिका के अधिकतर सदस्य किसी न किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य होते हैं। इसलिए कानूने बनाने की प्रक्रिया में राजनीतिक पार्टियों की प्रत्यक्ष भूमिका होती है।
4. सरकार बनाना: जब कोई राजनीतिक पार्टी सबसे अधिक सीटों पर चुनाव जीतती है तो वह सरकार बनाती है। कार्यपालिका का गठन सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन के लोगों द्वारा ही होता है। अलग-अलग मंत्रालयों की जिम्मेदारी विभिन्न राजनेताओं को दी जाती है।
5. विपक्ष की भूमिका: जिस राजनीतिक पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलता है उसे विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ती है।
6. जनमत का निर्माण: यह किसी भी राजनीतिक पार्टी का महत्वपूर्ण काम होता है। जनमत के निर्माण के लिये पार्टियाँ विधायिका और मीडिया में ज्वलंत मुद्दों को उठाती हैं और फिर उन मुद्दों को हवा देती हैं। पार्टी के कार्यकर्ता पूरे देश में फैलकर जनता को अपने मुद्दों से अवगत कराते हैं।
7. सरकारी मशीनरी तक लोगों की पहुँच बनाना:राजनीतिक पार्टी का काम है सरकारी मशीनरी और लोगों के बीच एक कड़ी का काम करना। ऐसा करके वे लोगों तक जनकल्याण योजनाओं को पहुँचाती हैं।
राजनीतिक पार्टी की जरूरत
➡️किसी भी लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टी एक अभिन्न अंग होती है। यदि कोई पार्टी नहीं होगी तो हर चुनावी क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा।
➡️हमारे देश में लोकसभा के 543 सदस्य हैं। यदि हर सदस्य स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर आयेगा तो बड़ी विकट समस्या खड़ी हो जाएगी।
➡️ कोई भी दो सदस्य किसी भी मुद्दे पर एक ही सोच रखने में असमर्थ होगा।
➡️एक निर्दलीय सांसद पहले अपने चुनावी क्षेत्र के बारे में सोचेगा और राष्ट्रहित को किनारे कर देगा।
➡️ राजनीतिक पार्टी का काम होता है विभिन्न व्यक्तित्व के राजनेताओं को एक मंच पर लाने का। इससे किसी भी बड़े मुद्दे पर एक जैसी विचारधारा बनाने में मदद मिलती है।
➡️ आज पूरी दुनिया में प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतंत्र को अपनाया गया है। इस तरह से नागरिकों द्वारा चुने गये प्रतिनिधि सरकार चलाते हैं। वास्तविक जीवन में यह असंभव होता है कि हर नागरिक प्रत्यक्ष रूप से सरकार चलाने में योगदान दे पाये। इसलिए राजनीतिक पार्टियाँ अस्तित्व में आई हैं।
2. कितने राजनीतिक दल
विभिन्न देशों में राजनीतिक पार्टियों की संख्या अलग-अलग होती है। कुछ देशों में एक ही पार्टी होती है, तो कुछ देशों में दो पार्टियाँ होती हैं। कुछ देशों में अनेक पार्टियाँ होती हैं, जैसे भारत में।
a)एकल पार्टी सिस्टम
चीन में एकल पार्टी सिस्टम है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे राजनैतिक स्थिरता आती है। लेकिन एकल पार्टी सिस्टम में लोगों के पास कोई विकल्प नहीं होता है। इसलिए यह लोकतंत्र के दृष्टिकोण से सही नहीं है।
b) दो पार्टी सिस्टम
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में दो पार्टी सिस्टम है। इस प्रकार के सिस्टम में लोगों के पास विकल्प होता है।
c) मल्टी पार्टी सिस्टम
हमारे देश में मल्टी पार्टी सिस्टम है। भारत के समाज में भारी विविधता होने के कारण यहाँ मल्टी पार्टी सिस्टम विकसित हुई है।
खामी
➡️ साल दो साल में ही सरकार बदल जाती है और राजनैतिक अस्थिरता का माहौल बन जाता है।
खुबी
लेकिन भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में अलग-अलग हितों और मतधारणाओं का सही प्रतिनिधित्व मल्टी पार्टी से ही संभव हो सकता है।
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