डर से मत डर, डर से मत डर, कुछ अलग कर
6 अंगुलियों वाला कभी कलाकार नहीं बन पाएगा, डर तुझे ये समझाएगा
मगर तू आत्मविश्वास दिखाएगा, तू डर से आंख मिलाएगा
डर से मत डर, कुछ अलग कर
डर का सामना कर, आगे बढ़, कुछ अलग कर
जिंदगी के हर मोड़ पर तुझे डर सताएगा
उसी डर का फायदा बिना झुके ये डर उठाएगा
तुझसे कहेगा कि तू आगे कुछ नहीं कर पाएगा
पर क्या वो लिखकर दे पाएगा कि तू हार जाएगा
तेरी हर कमजोरी पर ये डर घर बनाएगा
पर तू अपना हुनर दिखाएगा
उसी कमजोरी को तू अपनी ताकत बनाएगा
उस दिन ये डर तुझसे डर जाएगा
डर का खेल निडर होकर खेल, डर से मत डर
आगे बढ़, भुला दे डर, कुछ अलग कर

Post a Comment

0 Comments