बूढ़े जब हो जाओगे तूम
बूढ़े जब हो जाओगे तूम
जब ताकत अपनी खो जाओगे तूम।
बेटे तुमसे ऐसा बरताव करेंगे
बिन आँसू के रो जाओगे तुम।
वह तेरे करम भूला देंगे
भूखे ही तूझे सूला देंगे।
तूने हमेशा उनकी खुशियाँ चाही थी
वे तूझे हर पल रुला देंगे।
तेरे सारे ख्वाब वे तोड देंगे
तूझे अकेला छोड देंगे।
दाने दाने को मोहताज हो जाओगे
तुम्हारे बच्चे तुम्हारी जिंदगी मे ऐसा मोड देंगे।
तुम्हे घर से भी भगा देंगे
खुशफहमी की नींद से जगा देंगे।
वे तुम्हे किसी आश्रम में पनाह देंगे
हफ्ते में एक बार कुछ भिजवा देंगे।
कैसे बताऊँ तुम्हारे बच्चे तुम्हे क्या देंगे।
बिना मौत मरने की सजा देंगे।
~ Written by Shahzad Sir
Conclusion :- We should not be among those who are being talked about in the poem, rather we should be very very thankful and obedient towards our parents.
2 Comments
Great sir,I cry when I read this poem
ReplyDeleteWrite, more poem please🙏😭
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